भारतीय दण्ड संहिता की धारा-376 (6) के अनुसार 16 वर्ष से अधिक की महिला के साथ उसकी सहमति से सहवास करने पर ऐसा सहवास बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता है इसलिए इस आधार पर अभियुक्त दोषमुक्त होने योग्य है।
2.
संसद द्वारा हाल ही में पास किया गया बाल यौन उत्पीड़न कानून, जिसमें सहमति से सहवास की आयु १ ६ साल से बढ़ाकर १ ८ साल कर दिया गया है, वह हालात को और ज्यादा खराब करेगा और वह कमसिन लड़कियों (और लड़कों) को माँ-बाप और राज्य की शक्ति के आगे ओर ज्यादा कमज़ोर बना देगा, जब वे अपनी यौन इच्छा का इजहार करेंगे और अपरंपरागत यौन विकल्प चुनेंगे और इसका परिणाम राज्य द्वारा पहले से भी ज्यादा “ नैतिक पुलिस नियंत्रण ” के रूप में सामने आएगा.